Monday, 19 October 2020

"वीकली क्लासेज हो सकता है स्कूलों के लिए बेहतर विकल्प"

 



"वीकली क्लासेज हो सकता है स्कूलों के लिए बेहतर विकल्प"


कोरोना का ग्राफ दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है ,और वैक्सीन आने में भी अभी कुछ माह लग सकते हैं । यही सब देखते हुए बच्चों की पढ़ाई को लेकर माता-पिता , शिक्षक ,स्कूल प्रशासन व सरकार पशोपेश में है । फिलहाल सरकार स्कूलों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कक्षा 9 से 12 तक खोलने की इजाजत दे चुकी है । लेकिन स्कूल प्रशासन बच्चों के ट्रांसपोर्ट को लेकर काफी चिंतित है । रोज-रोज बसों , वैन , ऑटो आदि से बच्चों का स्कूल आना वह 5 से 6 घंटे स्कूल में गुजार कर घर वापस जाना , संक्रमण की दृष्टि से काफी जोखिम भरा हो सकता है । ऐसी परिस्थिति में क्या किया जाए और कैसे किया जाए अभी कुछ निर्धारित नहीं हो पा
रहा है ।
पिछले 7 माह से बच्चे घर पर ही ऑनलाइन क्लासेस ले रहे हैं व प्री मिड टर्म तक के पेपर उन्होंने ऑनलाइन ही दिए हैं । स्कूल वाले भी यह चाहते हैं कि उनके द्वारा दी गई ऑनलाइन क्लासेस की गुणवत्ता की जांच बच्चों को स्कूल बुलाकर की जाए , मगर हालात इन सब चीजों में बाधक बन रहे हैं ।
ऐसी परिस्थिति में वीकली क्लासेस कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए , वैक्सीन आने तक एक बेहतर विकल्प हो सकता है । जिसमें कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों को सप्ताह में दो बार बुलाकर कोरोना काल में हुई शिक्षा की क्षति को पूरा किया जा सकता है ।
उदाहरणार्थ यदि किसी कक्षा में 40 छात्र हैं तो उसमें से 20 छात्रों को सप्ताह में दो बार शुक्रवार व शनिवार वह बाकी के 20 छात्रों को सोमवार व मंगलवार में स्कूल बुलाकर उनकी पढ़ाई कराई जा सकती है ।बाकी के 4 दिनों में उनकी ऑनलाइन क्लासेस को जारी रखा जा सकता है । इसी प्रकार कक्षा 5 से कक्षा 8 तक के विद्यार्थियों को कम से कम सप्ताह में एक बार स्कूल बुलाकर उनके द्वारा ली गई ऑनलाइन क्लासेस की परख की जा सकती है और बाकी के दिनों में उनकी भी ऑनलाइन क्लासेज जारी रखी जाए ।
महामारी के इस दौर में अपने बच्चों की सुरक्षा हर मां-बाप की प्राथमिकता है , लेकिन शिक्षण कार्य प्रभावित ना हो इसके लिए स्कूल प्रशासन व सरकार द्वारा उठाए गए कदम सराहनीय है । स्कूलों में पढ़ाई की व्यवस्था कैसी हो यह तो स्कूल प्रशासन व सरकार को ही निर्धारित करना है , हम तो बस सुझाव ही दे सकते हैं , क्योंकि संक्रमण की दृष्टि से बच्चे जो कि हमारे देश का भविष्य हैं की सुरक्षा का दायित्व पूरे समाज पर एक समान हैं ।



✍ विवेक आहूजा
बिलारी 

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