Showing posts with label वृत. Show all posts
Showing posts with label वृत. Show all posts

Tuesday, 20 October 2020

"उपवास(वृत)का महत्व" , उपवास

 लेख : 


"उपवास(वृत)का महत्व" 
      
भारतवर्ष का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है ,जिसमें हिंदू धर्म को सबसे पुराने धर्म के रूप में मान्यता प्राप्त है । भारत में हिंदू धर्म उपासकों द्वारा साल में विभिन्न समयो पर उपवास रखने का प्रचलन हजारों वर्षों से चला आ रहा है । जिसका अपना पौराणिक एवं वैज्ञानिक महत्व है । प्रतिवर्ष नवरात्रि ,शिवरात्रि , जन्माष्टमी ,सोमवार के व्रत , सोलह सोमवार के उपवास आदि आदि ऐसे बहुत से वृतो का प्रचलन है । अधिकतर हिंदू धर्म उपासक इन व्रतों को जरूर रखते हैं और धर्म लाभ अर्जित करते हैं।
वृतो को रखना धार्मिक परंपरा के साथ-साथ एक वैज्ञानिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण हैं उपवास के दौरान व्यक्ति पूरे दिन सिर्फ जल व फलाहार ही ग्रहण करता है , बहुत से व्रतों में तो कुछ लोग निर्जल उपवास भी रखते हैं जिसमें वह पूरे दिन कुछ भी ग्रहण नहीं करते । इसका वैज्ञानिक महत्व यह है कि जब व्यक्ति पूरे दिन कुछ ग्रहण नहीं करता या अल्पाहार ग्रहण करता है तो शरीर के अंदर होने वाली आंतरिक क्रियाएं को कुछ समय के लिए आराम मिल जाता है । जोकि अधिक भोजन ग्रहण करने या गलत आहार ग्रहण करने की वजह से अनियंत्रित होती है ।
उपवास के महत्व की आज विज्ञान भी पुष्टि करता है और वैज्ञानिकों ने का मानना है कम आहार ग्रहण करने वाले व्यक्तियों की उम्र अधिकार ग्रहण करने वाले व्यक्तियों से ज्यादा होती हैं । ऐसा इसलिए है क्योंकि अधिक भोजन ग्रहण करने के कारण बहुत सी बीमारियां शरीर को घेर लेती हैं जोकि मनुष्य की अल्पायु का कारण बनती है ।
अंत में बस इतना ही कहना चाहूंगा सनातन धर्म संस्कृति सिर्फ एक धर्म नहीं है बल्कि इसका एक बहुत बड़ा वैज्ञानिक आधार भी है , जोकि धीरे-धीरे लोगों के समक्ष प्रकट हो रहा है ।

(स्वरचित)

विवेक आहूजा
बिलारी
जिला मुरादाबाद 


कृपया पोस्ट को शेयर करे ............धन्यवाद