"मै हूँ भारत की नार"
मै हूँ भारत की नार, लड़ने मरने को तैयार ।
स्वाभिमान को डिगा न सका , दम है अपरंपार ।
मै हूँ भारत की नार ........
घर हो , रण हो ,या हो खेल प्रकार ।
निश्चय गर एक बार मै कर लू , रोक न सके कोई प्रहार ।
मै हूँ भारत की नार.......
✍विवेक आहूजा
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