आलेख :
"नया भारत"
भारतवर्ष को आजाद हुए 70 वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है । आजादी के तुरंत बाद देश को अपने आपको स्थापित करने था , अंतरराष्ट्रीय समाज में अपनी पहचान बनाना , भारत का मुख्य लक्ष्य था । जबकि यहां की जनता को रोटी , कपड़ा और मकान की आवश्यकता थी । जिस व्यक्ति के पास यह तीनों चीजें आराम से उपलब्ध थी , वह उस समय संपन्न व्यक्तियों में माना जाता था । परंतु आज सन 2020 में जनता की जरूरतें ज्यों की त्यों बनी हुई है । रोटी ,कपड़ा ,मकान सभी को जरूरत है लेकिन इसमें दो चीजों का इजाफा और हुआ है ,उसके बगैर आज की दिनचर्या संभव ही नहीं है । यह है सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक सामान , आज के भारत के नागरिक को रोटी , कपड़ा और मकान तो चाहिए ही , यह जनता की मूलभूत आवश्यकता है ,लेकिन सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स भी उसकी प्राथमिक जरूरतों में से एक है । भारतवर्ष का कोई व्यक्ति ऐसा नहीं है जिसके पास मोबाइल ना हो बल्कि एक एक घर में दो दो ,तीन तीन मोबाइल तक उपलब्ध है ,चाहे व्यक्ति अमीर हो या गरीब मोबाइल सभी के पास है । इन्हीं मोबाइलों के माध्यम से भारत के नागरिक सोशल मीडिया एप्प जैसे फेसबुक , व्हाट्सएप , टि्वटर आदि से जुड़ा हुए है और उसे अपनी बात कहने का एक मंच मिला हुआ है । इसी प्रकार हर घर में बहुत से इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स भी उपलब्ध है , जैसे मोबाइल , एलसीडी , मिक्सी गीजर , डीटीएच , कम्पयूटर, माइक्रोवेव , वाशिंग मशीन आदि आज के दौर में व्यक्ति की प्राथमिक जरूरत बन गई हैं । बच्चे हो बूढ़े हो महिलाएं हो या युवा सभी लोगों को इनकी आवश्यकता पड़ती है । सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स के बगैर भारत में जीवन की कल्पना करना भी असंभव सा हो गया हैं । रोटी कपड़ा और मकान से दो पायदान और आगे हमारी जरूरतें बढ़ गई हैं , इसे हम एडिक्शन भी कह सकते हैं । अब से करीब 25 वर्ष पहले छोटे बच्चों का खेल पतंगबाजी , क्रिकेट , फुटबॉल , हॉकी आदि हुआ करता था , जबकि आज के दौर में बच्चे पबजी , यूट्यूब , वीडियो गेम्स की लत के शिकार हो चुके है । वहीं महिलाएं और बुजुर्ग भी सोशल मीडिया व इलेक्ट्रॉनिक आइटम के आदी हो चुके हैं । इन सब बातों को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा यह भारतवर्ष बदल रहा है और इसके साथ भारत की जरूरतें भी बदल रही हैं और हम यह कह सकते हैं , भारत डिजिटल युग में प्रवेश कर चुका है । अब देखना यह है कि इस डिजिटल युग में भारत के लोग यदि तकनीक का सही प्रकार से इस्तेमाल कर लेते हैं , तो हमें आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता ।
(स्वरचित)
विवेक आहूजा
बिलारी
जिला मुरादाबाद
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