Friday, 2 April 2021

Online classes results article

 


"ऑनलाइन क्लास का परिणाम देखने का समय है मार्च माह"

पूरे करोना काल में कक्षा एक से कक्षा 8 तक करीब करीब पूरे वर्ष ही विद्यार्थियों ने ऑनलाइन माध्यम से ही विद्या अर्जित की है । जबकि कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों ने भी कुछ समय तक ऑनलाइन पढ़ाई की , परंतु बाद में उनकी ऑफलाइन कक्षाएं शुरू हो चुकी है । स्कूल प्रशासन ने पूरे करोना काल में ऑनलाइन क्लासेस को बहुत ही सुव्यवस्थित तौर पर अंजाम दिया है , परिणाम स्वरूप बच्चों का पूरे वर्ष पढ़ाई से जुड़ाव बना रहा । बच्चों के माता-पिता भी ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से हुई बच्चों की पढ़ाई से काफी संतुष्ट प्रतीत हो रहे हैं । यदि हम यह कहें तो गलत ना होगा की कोरोना काल में शिक्षा के क्षेत्र में ऑनलाइन क्लासेस एक उपलब्धि के रूप में सामने आया है । बड़े-बड़े सेंटर्स से दूर स्थित गांव देहात में रहने वाले लोगों को इसका विशेष लाभ हुआ है । ऑनलाइन क्लासेज द्वारा पूरे वर्ष ग्रहण की गई शिक्षा बच्चों के लिए अभूतपूर्व रही है ।
परंतु अब शिक्षा सत्र 2020-21 के अंत में सालाना परीक्षा के समय इसकी असल गुणवत्ता की जांच का समय आ गया है । बच्चों द्वारा ग्रहण की गई ऑनलाइन क्लासेस में उन्होंने कितना ग्रहण किया है , यह तो सालाना परीक्षा के परिणाम ही तय करेंगे तथा इसी आधार पर उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट किया जाएगा । मार्च माह विद्यार्थियों के लिए परीक्षा का समय होता है और शिक्षा सत्र 2020-21 में विद्यार्थियों ने करीब करीब पूरे वर्ष ही ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण की है , उन्होंने ऑनलाइन माध्यम से कितना सीखा , कितना उनके लिए कारगर साबित हुआ । यह तो सालाना परीक्षा का परिणाम ही बताएगा ।
चाहे कुछ भी हो , ऑनलाइन माध्यम शिक्षा के क्षेत्र में किसी क्रांति से कम नहीं है । ऐसा नहीं है कि अब से पहले इसका उपयोग नहीं हो रहा था , परंतु करोना काल में ऑनलाइन क्लास की उपयोगिता लोगों की समझ में आई और इसका उपयोग विस्तृत क्षेत्रों में हुआ है । आने वाले समय में शिक्षा ग्रहण करने के लिए इसे एक विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है ।

(स्वरचित)

विवेक आहूजा

बचपन की यादें

 विधा : कविता 

शीर्षक : "बचपन"

बचपन के दिन भूल ना जाना ,
रस्ते में वो चूरन खाना ,
छतों पे चढ़कर पतंग उड़ाना ,
रूठे यारों को वह मनाना ,बचपन के दिन भूल ना जाना । 

अपना था वो शाही जमाना ,
सिनेमा हॉल को भग जाना ,
दोस्तों की मंडली बनाना ,बचपन के दिन भूल न जाना । 

खेलने जाने का वो बहाना ,
पढ़ने से जी को चुराना ,
मास्टर जी से वो मार खाना, बचपन के दिन भूल ना जाना 

हाथ में होते थे चार आना , ।
फितरत होती थी सेठाना ,
मुश्किल है ये याद भुलाना, बचपन के दिन भूल ना
जाना ।।



(स्वरचित)

विवेक आहूजा
बिलारी
जिला मुरादाबाद
@9410416986
vivekahuja288@gmail.com

संदेश

 कहानी : 

"संदेश"

यूरोप में भरतवंशियों का प्रोग्राम चल रहा था , यूरोपियन देशों के भारतवंशियों के अध्यक्ष मिस्टर कुमार स्टेज पर आए और उन्होंने भरतवंशियों द्वारा पूरे विश्व में भारत का परचम लहराने की बात दोहराई और कहा भरतवंशी पूरी दुनिया में छाए हुए हैं, उन्होंने खूब तरक्की करी है पैसा और नाम कमाया है । अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा हम लोग भी देश भक्त हैं , हम भी अपने देश भारत की सेवा करना चाहते हैं , मदद करना चाहते हैं और हर मुश्किल में उसका साथ देना चाहते हैं , मगर कैसे करे ? प्रोग्राम में बैठे सभी भरतवंशी जोकि यूरोप में निवास करते थे उनकी हां में हां मिला रहे थे । प्रोग्राम में मिस्टर विनय भी थे, जो कि भारत में एक प्राइमरी स्कूल के टीचर थे , उन्हे बतौर मुख्य अतिथि बुलाया गया था । अपनी बात को समाप्त कर मिस्टर कुमार अपनी सीट पर आकर बैठ गए । अंत में मुख्य अतिथि मिस्टर विनय को अपनी बात रखने का मंच पर आमंत्रण दिया गया ।
मिस्टर विनय ने कहना शुरू किया .....मुझे अच्छा लगा कि आप सब भारत के बारे में इतना सोचते हैं , आपने विदेशों में आकर खूब तरक्की की पैसा कमाया , नाम कमाया , इसमें कोई शक नहीं यह तो भारत के लिए गर्व की बात है । विनय ने आगे कहा जब भी विदेशों में संकट आता है या आएगा इस बात का थोड़ी बहुत संभावना जरूर रहेगी कि आपको वापस अपने वतन भारत भेज दिया जाए । लेकिन आप निश्चिंत रहें प्रत्येक भारतीय आपका खुले दिल से स्वागत करेगा , लेकिन आपका भी अपने देश के प्रति कुछ कर्तव्य बनता है , जिसे आप को पूर्ण करना चाहिए । अपनी बात को विस्तार से बताते हुए विनय बोले मैं मि. कुमार की बात से बिल्कुल सहमत नहीं हूं कि यदि आप भारत की मदद करना चाहते हैं तो कैसे करें । मैं आपको कुछ सुझाव देता हूं अगर आपको अच्छा लगे तो इस पर अमल करें .......
1- उदाहरणार्थ आपको अपने घर के लिए कुछ सामान खरीदना है तो ऑनलाइन खरीदें और भारतीय कंपनी की वेबसाइट के माध्यम से खरीदे .....
2 - किताबों की खरीदारी करनी हो यह किसी साहित्य की खरीदारी करनी हो तो ऐमेज़ॉन की किंडल वेबसाइट या अन्य किसी वेबसाइट के माध्यम से भारतीय लेखकों की किताबों को खरीदें .....
3 - अगर आपको डोनेशन देना है तो ऑनलाइन किसी और अधिकारिक भारतीय संस्था को दें .....
4 - अगर आपको कहीं यात्रा करनी है तो इंडियन टूरिस्ट कंपनी के माध्यम से अपना टिकट बुक करवाएं .....
यह सब बातें कह कर मिस्टर विनय ने अपनी वाणी को विराम दिया , विनय की बात सुन यूरोपीय भारतवंशी एक दूसरे की बगले झांकने लगे । मिस्टर विनय भारतवंशियों को अपना संदेश दे चुके थे और वह तेज कदमताल के साथ अपनी सीट की ओर बढ़ने लगे ।

(स्वरचित)

विवेक आहूजा
बिलारी
जिला मुरादाबाद
@9410416986
Vivekahuja288@gmail.com 

Holi article

 आलेख : 


"कोरोना के साए में होली"

कोरोना का जब से विश्व में आगमन हुआ है , प्रत्येक देश इससे त्रस्त है । डब्ल्यूएचओ व विश्व के कई देशों ने मिलकर पूरे वर्ष दिन रात एक कर के इसकी वैक्सीन बनाने में सफलता हासिल कर ली है । भारत में भी कोविशिल्ड व कोवैक्सीन अस्पतालों में लोगों को लगाई जा रही है । जैसे-जैसे वैक्सीनेशन की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है लोगों में वैक्सीन के प्रति जागरूकता भी देखने को मिल रही है , व बड़ी तादाद में लोग वैक्सीनेशन हेतु ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं ।
कुछ दिनों से भारत में कोरोना के केस में अचानक से बढ़ोतरी ने सरकार को पेशो पेश में डाल दिया है । भारत के कुछ राज्य जैसे महाराष्ट्र , पंजाब , केरल , मध्य प्रदेश में कोरोना घटने का नाम नहीं ले रहा है । सरकार ने कुछ राज्यों में तो रात्रि लॉकडाउन भी लगाया है , जो की चिंता का विषय है ।
जब से भारत सरकार ने कोरोना की वैक्सीन लगानी शुरू की है । अचानक से लोगों में इस बीमारी के प्रति लापरवाही देखने को मिल रही है , जैसे सड़कों पर बिना मास्क लगाए लोग घूम रहे हैं । सरकारी व प्राइवेट वाहनों में उचित दूरी का प्रयोग नहीं के बराबर है । बाजारों में लोग बगैर किसी जरूरत के भी सैर कर रहे हैं , यही सब कारण है जो कि कोरोना के केसों में बढ़ोतरी को बुलावा दे रहे हैं।
होली नजदीक ही है और होली का त्यौहार रंगों का त्योहार है , इसमें आपसी भेदभाव को मिटाकर लोग एक दूसरे से गले मिलते हैं , रंग लगाते हैं और एक दूसरे पर पानी की बौछार करते हैं । गुजिया , कचौड़ी दही बड़ा इस त्योहार के पारंपरिक व्यंजन है । परंतु इस वर्ष हम लोगों को यह सब बड़े एहतियात से करना होगा ताकि महामारी दोबारा से कोई विकराल रूप धारण न कर ले । होली मिलन समारोह में उचित दूरी का प्रयोग व होली खेलते समय ली गई सावधानियां हमें करोना को बढ़ने से रोकने में मददगार होंगी व इस वर्ष की होली सावधानियों के साथ मनाई जाने वाली होली के रूप में सदा याद रखी जाएगी ।

(स्वरचित)

विवेक आहूजा
बिलारी
जिला मुरादाबाद
vivekahuja288@gmail.com
@9410416986

होली गीत

 "होली - 2021"

मन में उमंग है , दोस्तों का संग है
बाजारो मे रंग है , होली का हुडदंग है
पर जेब थोड़ी तंग है......
गुजिया का वो स्वाद , मुझे अब भी है याद
पर अबकी बार , हालात थोडे बदरंग है
कयोंकि जेब थोड़ी तंग है ......
जेब पर जो भारी है , वो एक महामारी है
अजब दुश्वारी है , परेशान उससे दुनिया सारी है
इस बार उसने उडा दिये सबके रंग है .....

(स्वरचित)
विवेक आहूजा
बिलारी
जिला मुरादाबाद
vivekahuja288@gmail.com
@9410416986

Hindi holi गीत

 "होली का हुडदंग है"


घोट दी भंग है , मन में उमंग है
दोस्तों का संग है , हाथो मे रंग है
होली का हुडदंग है ।
ठंडाई वो याद है , गुजिया का स्वाद है
मन फिर आज , बिन डोर की पतंग है
होली का हुडदंग है ।
पुराने दिन याद है , त्यौहार का नहीं स्वाद है
इस वर्ष की होली , कोरोना ने की बदरंग है
होली का हुडदंग है ।।

(स्वरचित)

विवेक आहूजा
बिलारी
जिला मुरादाबाद
vivekahuja288@gmail.com
@9410416986

तिलक अस्पताल , बिलारी की ओर से होली की हार्दिक शुभकामनायें ।
डा. तिलक राज आहूजा
विवेक आहूजा
डा. सोनिया आहूजा 

Holi

 आओ मनाए प्रेम से , खुशियों का त्यौहार ।

हरा ,गुलाबी, नीला, पीला रंग है अपरंपार ।
गुजिया , पुरी और कचौरी सब बनकर तैयार ।
आओ मिलकर खेलें हम होली का त्यौहार ।।

✍ विवेक आहूजा 

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