"आज तुमको हूँ भेज रहा एक अनुपम उपहार
प्रीति-जय तुम प्रेम से इसे करो स्वीकार""बधाई पञ"
"गृह लक्ष्मी" का आगमन , "प्रीति-जय" परिवार
कन्या आपके जीवन में , हो जैसे त्यौहार
दादी "लीला" कर रही , मन में यही विचार
पोती का सुख मिल गया , ईश्वर का आभार
भाई "समर्थ" भी रोज रोज, उछले सौ सौ बार
सार्थक अब तो हो गया , राखी का त्यौहार
बुआ "रश्मि" का मन भी , अब डोले बारंबार
एक सहेली मिल गई , अपने ही परिवार
बड़े दादा "तिलक" भी दे रहे , बधाई अपरंपार
"आहूजा-परिवार" में आज है , खुशियों का त्यौहार
"सूरज""काका" रमन""मनोज""विवेक" को भी , है यह इंतजार
ताऊ बनने के उपलक्ष में , अब दावत होगी "शानदार"
"बधाई"
✍विवेक आहूजा
डा. तिलक राज आहूजा-शकुन्तला आहूजा
विवेक आहूजा-डा.सोनिया आहूजा
अदिति-पार्थ की ओर से "अरनिका" की प्रथम वर्षगांठ पर हार्दिक शुभकामनायें ।