Tuesday, 30 June 2020

मानव स्वभाव
मिस्टर एक्स आपके खासम खास हैं ।आपसे अपनी पूरी दिल की बातें करते हैं ।आप भी उनसे अपने पूरे दिल की बातें करते हैं ।आप लोग साथ साथ घूमने जाते हैं आप जब ऑफिस आते हैं तो सबसे पहले मिस्टर एक्स से मिलते हैं ।आपकी हर अच्छी बुरी समस्या में आप दोनों एक दूसरे का पूरा सहयोग करते हैं ।अचानक मिस्टर एक्स की मुलाकात वाई से होती है। एक्स और वाई दोनों मिलने लगते हैं ।अब आपकी मुलाकात एक्स से बहुत कम हो रही है एक्स आपके तीन बार फोन करने के बाद भी आपका फोन नहीं उठाते हैं ।आपके भेजे हुए मैसेज का भी जवाब नहीं देते हैं। धीरे धीरे अब एक्स से आपकी  दूरी बढ़ गई है ।एक्स और वाई अब साथ घूमते हैं आपस मे अपना हाल बाटते  हैं ।धीरे-धीरे  आप  महसूस करते  है की एक्स आपके दोस्त नहीं रहे।
 क्या यह सच है ?
 कितने प्रतिशत%

स्वरचित

Monday, 29 June 2020

पिता पुत्र


पुत्र  की उम्र कोई 10 वर्ष होगी वह बाहर मैदान में खेल रहा था काफी देर खेलने के बाद पुत्र पिता के पास झोपड़ी में आया और खाने के लिए कुछ मांगने लगा पिता ने आज खाने में नूडल्स बनाए थे उसने दो कटोरी में नूडल्स रखकर उसे प्लेट से ढक दिया और एक कटोरी पर प्लेट के ऊपर एक अंडा भी रख दिया अब उसने पुत्र को बुलाया और कहां इन दोनों कटोरो में से एक कटोरा खाने के लिए चुन लो इसी बीच यह बताना आवश्यक है की पुत्र में  किसी भी चीज को अधिक से अधिक प्राप्त  करने की लालसा  बहुत अधिक  थी। पुत्र ने दोनों कटोरा को देखा और अपनी प्रवृत्ति के अनुसार उसे लगा कि वह कटोरा जिसके ऊपर अंडा रखा है उसमें समान अधिक है अत: उसने जिस कटोरे पर अंडा रखा था उसे खाने के लिए चुन लिया उसके पिता ने वह कटोरा उसे दे दिया । पुत्र अंदर ही अंदर काफी प्रसन्न हो रहा था कि आज उसने फिर अधिक प्राप्त किया है और वह खुशी-खुशी नूडल्स और अंडा खाने लगा ।इसी बीच उसने सोचा कि चलो यह देख लेते हैं कि दूसरे कटोरे में क्या है उसे देख कर बड़ी हैरानी हुई कि जो कटोरा प्लेट से ढका था उसमें नूडल्स के अतिरिक्त दो अंडे भी थे पुत्र को बड़ा पछतावा हुआ कि उसने वह कटोरा क्यों नहीं चुना ।पिता ने पुत्र को बुलाया और कहा की आज की घटना से हमें यह सीख मिलती है कि जो दिख रहा है वह ज्यादा हो ऐसा नहीं है कई बार आपका फायदा आपको नहीं दिखाई पड़ता।
अगले दिन पुत्र फिर खेलने गया और जब खेल कर वापस आया तो पिता ने पिछले दिन की तरह ही दो कटोरी में नूडल्स रखे हुए थे व उन्हें प्लेट से ढका हुआ था तथा एक प्लेट के ऊपर एक अंडा भी रखा था । पिता ने पुत्र से फिर कहा कि अपने लिए खाने का एक कटोरा चुन लो पुत्र ने बिना देर किए नूडल्स का कटोरा जो प्लेट से ढका हुआ था उठा लिया लेकिन उसने जैसे ही कटोरे से प्लेट हटाई तो वह भौचक्का रह गया कटोरी में सिर्फ नूडल्स ही थे ।उसमें एक भी अंडा नहीं था उसे फिर अफसोस हुआ कि काश वह प्लेट के ऊपर एक अंडे वाला कटोरा उठा लेता ।तभी उसके पिता आए और उन्होंने उससे कहा आज के वाक्या से हमें यह सीख मिलती है की तजुर्बा हमेशा सही साबित हो ऐसा नहीं है अतः हमें कोई भी कार्य करने से पहले सोच समझकर अपने दिमाग का इस्तेमाल कर कदम उठाना चाहिए।
तीसरे दिन पुत्र मैदान पर खेल कर वापस जब झोपड़ी में आया तो पिता ने फिर दो कटोरी में नूडल्स रखे हुए थे और उन्हें प्लेट से ढका हुआ था तथा एक प्लेट के ऊपर  एक अंडा रखा था ।पिता ने पुत्र से फिर कहां कि अपने खाने के लिए कटोरा चुनो ।पुत्र ने पिता से कहा नहीं आज मैं खाने के लिए कोई कटोरा नहीं चुनुगा क्योंकि मुझे आज भूख नहीं है ।आज कटोरा पहले आप चुने  पिता ने पुत्र से कहा तुम छोटे हो पहले तुम्हारा हक बनता है ।लेकिन पुत्र मानने को तैयार नहीं था अंततः पिता को कटोरा चुनना पड़ा पिता ने वह कटोरा चुना जो प्लेट से ढका हुआ था और उसके ऊपर एक अंडा रखा था । यह देख कर पुत्र मायूस हो गया और मन में विचार करने लगा कि अधिक वाला तो पिता जी ने पहले ही चुन लिया होगा और मरे मन से उसने दूसरा कटोरा उठा लिया और एक तरफ खाने के लिए बैठ गया। जैसे ही उसने कटोरे के ऊपर से प्लेट हटाई वह हैरान रह गया उसमें नूडल्स के अतिरिक्त दो अंडे भी थे उसके पिता उसके समीप आए और उसके सर पर हाथ फेरते हुए बोले आज के वाक्या से हमें यह सीख मिलती है कि यदि आप पहले दूसरों के विषय में सोचते हैं तो परमपिता परमेश्वर हमें अधिक देने का प्रयास करते हैं। अतः हमें पहले दूसरे के विषय में सोचना चाहिए और हमारा ख्याल स्वयं परमपिता खुद करेंगे।


vivekahuja288@gmail.com

स्वरचित

विवेक आहूजा
बिलारी
जिला मुरादाबाद
@9410416986

Sunday, 28 June 2020

कुछ अलग सा: दुर्वासा ऋषि का क्रोध बना था समुद्र मंथन का कारण

कुछ अलग सा: दुर्वासा ऋषि का क्रोध बना था समुद्र मंथन का कारण: यह  अपने समय का, या यूं कहें कि सर्वकालीन एक अकल्पनीय व अभूतपूर्व उपक्रम था ! कोई सोच सकता था भला कि दुर्वासा के एक श्राप से सारे जगत में कै...

वैसटन मैरी का मकबरा , western merry , मकबरा

 


यह उन दिनों की बात है जब देश के प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री थे और देश पर पाकिस्तान से युद्ध का खतरा मंडरा रहा था। क्योंकि हमारी सेना काफी मजबूत थी लेकिन शास्त्री जी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते थे। इसलिए उन्होंने सभी युवा वर्ग को एनसीसी की ट्रेनिंग लेना अनिवार्य कर दिया ।जगह-जगह मिलिट्री के अधिकारियों द्वारा एनसीसी की ट्रेनिंग दी जाने लगी इसी क्रम में नई दिल्ली स्थित विभिन्न कॉलेजों यूनिवर्सिटी आदि में भी एनसीसी ट्रेनिंग के लिए आग्रह किया गया। वहीं नई दिल्ली में एक मेडिकल कॉलेज में भी एनसीसी ट्रेनिंग के लिए वहां की मैनेजमेंट को एक पत्र आया अब एनसीसी की ट्रेनिंग के लिए कुछ छात्रों ने डॉ आहूजा व डॉ विश्वास के नेतृत्व में ट्रेनिंग लेने का मन बनाया। ट्रेनिंग से संबंधित सभी लिखित प्रक्रिया पूरी होने पर करीब 20/25 छात्रों को ट्रेनिंग के लिए शिमला के निकट डिक साई में ट्रेनिंग के लिए जाना था। निर्धारित तिथि पर सभी छात्र दिल्ली से कालका होते हुए ट्रेनिंग के लिए डिक्स आई के लिए रवाना हुए कालका जी से आगे धर्मपुर स्टेशन के पास करीब दो-तीन किलोमीटर अंदर घने जंगलों के बीच मिलिट्री ट्रेनिंग सेंटर बना हुआ था। वहां सभी को गाड़ियों द्वारा ट्रेनिंग हेतु पहुंचाया गया और चार्ज एंड अटैक की ट्रेनिंग दी गई ।इसके अतिरिक्त सभी छात्रों ने एनसीसी के बी सर्टिफिकेट की ट्रेनिंग भी वहां पूरी करी ।अंतिम दिन जब ट्रेनिंग की समाप्ति की घोषणा हुई तो मेडिकल के छात्रों ने ट्रेनिंग सेंटर के चौकीदार से पूछा कि भाई यहां कोई घूमने की जगह भी है ।चौकीदार ने अपनी पहाड़ी भाषा में बताया के शाब जी यहां पर कोई घूमने की जगह नहीं है बस एक मकबरा है जहां कोई आता जाता नहीं आप वहां जाकर क्या करोगे । मेडिकल के छात्रों ने उस मकबरे के बारे में चौकीदार से जानने की कोशिश की तो चौकीदार विफर गया और बोला वहां कोई नहीं जाता और आप भी ना जाए क्योंकि रात को वहां पर परी आती है । परी का नाम सुन मेडिकल के छात्रों में परी को देखने की उत्सुकता और बढ़ गई और उन लोगों ने मन ही मन विचार कर लिया कि अब तो मकबरे पर जरूर जाना है। डॉ आहूजा व डॉ विश्वास ने अपने घनिष्ठ मित्रों संग उसी दिन शाम को वहां जाने का प्रोग्राम बना लिया शुरू में तो करीब-करीब सभी छात्र वहां जाने को मान गए लेकिन जब जाने का नंबर आया तो 8 छात्र ही वहां जाने को तैयार हुए । सभी आठों छात्र अपने हाथों में टॉर्च लिए मकबरे की तरफ को बढ़ने लगे करीब एक डेढ़ किलोमीटर चलने के पश्चात एक लकड़ी की टाल पर वह लोग रुक गए और वहां पर उपस्थित मुंशी से उस मकबरे के बारे में जानने की कोशिश की कि वह कितनी दूर है ।मकबरे का नाम सुनकर टाल का मुंशी सकपका गया और बोला आप लोग वापस चले जाएं वहां जाकर अपनी जान जोखिम में ना डालें ।लेकिन सभी लोग वहां जाने का पक्का मन बना चुके थे लिहाजा किसी ने मुंशी की बात को नहीं मानी हार कर मुंशी ने बताया के सामने पहाड़ी के पीछे मकबरा है और टाल से मकबरे पर जाने के लिए पहाड़ी के बराबर बराबर 4 फिट का ही रास्ता है उस 4 फीट के रास्ते के नीचे 100 फीट गहरा नाला है यह कहकर मुंशी बोला अब आप जाने कि जाएंगे कि नहीं लेकिन मेडिकल के छात्र मानने वाले कहां थे वे सभी लोग हाथों में टॉर्च लिए पहाड़ी के बराबर 4 फिट के रास्ते पर एक दूसरे का हाथ पकड़े पहाड़ से चिपक चिपक कर मकबरे की तरफ को चलने लगे रात घनी हो चुकी थी। डॉक्टर आहूजा डॉ विश्वास आदि मेडिकल के छात्र धीरे धीरे मकबरे की तरफ को बढ़ रहे थे कभी-कभी तो उनका हाथ पहाड़ी के किसी गड्ढे में पड़ता और उसमें से चमगादड़ या उल्लू का घोंसला छू जाता और उसमें से चमगादर और उल्लू निकल जाते यह देख सभी लोग काप जाते ।
आखिरकार डरते डरते सभी लोग सफलतापूर्वक मकबरे पर पहुंच गए तब तक चंद्रमा भी अपनी पूरी रोशनी बिखेर चुका था चंद्रमा की रोशनी में सफेद संगमरमर का वेस्टर्न मेरी का मकबरा दूध की तरह चमक रहा था ।उस मकबरे पर वेस्टर्न मैरी की लेटी हुई प्रतिमा थी और उनके निकट एक परी की मूर्ति बनी हुई थी। परी की गोद में एक बच्चा था दृश्य बहुत अनूठा था ।क्योंकि वहां काफी लंबे समय से कोई नहीं आया था लिहाजा वहां काफी झाड़ झंकार हो गए थे। सभी छात्रों ने मिलकर पूरे क्षेत्र की ढंग से सफाई की व कुछ समय वहां व्यतीत करने के पश्चात सभी लोग वापस ट्रेनिंग सेंटर की ओर चल दिए ।
असल में वेस्टर्न मैरी की कहानी वहां प्रचलन में इस प्रकार थी कि वह ब्रिटिश हुकूमत के समय एक ब्रिटिश अधिकारी की पत्नी थी वह डिकसाइ ट्रेनिंग सेंटर के आसपास सरकारी बंगले में रहती थी। एक बार उनके पति जो कि एक ब्रिटिश अधिकारी थे किसी सरकारी कार्य से कुछ माह के लिए इंग्लैंड को रवाना हुए उस समय वेस्टर्न मैरी गर्भवती थी वह सरकारी आवास पर अकेली रहती थी। उस समय लोगों का यह मानना था की एक परी वेस्टर्न मैरी से रोज मिलने आती है ।वह उनसे बहुत देर तक बातें करती है वह परी वेस्टर्न मैरि को अपनी बेटी समान मानती थी। कुछ समय पश्चात गर्भ काल पूर्ण होने पर प्रसव के दौरान वेस्टर्न मेरी का देहांत हो गया उसी समय उनके पति जो ब्रिटिश अधिकारी थे इंग्लैंड से वापस लौटे थे और उन्हें परी से संबंधित सारी बात पता चली की एक परी वेस्टर्न मैरी से रोज मिलने आती थी और और उन्हें अपना बेटी मानती थी ।यह सुन वेस्टर्न मैरी के पति ने डिक्सआई के निकट ही एक सफेद संगमरमर का वेस्टर्न मैरी का मकबरा बनवाया और उनके मकबरे के साथ एक परी का भी बहुत बड़ा बुत बनवाया ।
सभी छात्र मकबरे से लौटकर अपने ट्रेनिंग सेंटर वापस आ गए जहां पर ट्रेनिंग इंचार्ज अपने पूरे स्टाफ के साथ बड़ी बेसब्री से डॉक्टर आहूजा व डॉ विश्वास के साथियों का इंतजार कर रहा था ।उनके पहुंचते ही ट्रेनिंग इंचार्ज ने सभी छात्रों को बहुत डांटा और उनसे कहा कि अगर उन्हें कुछ हो जाता तो इसकी जवाबदेही किसकी होती इसके अतिरिक्त ट्रेनिंग इंचार्ज ने सभी छात्रों को कोनी के बल 1 किलोमीटर चलने की सजा भी सुनाई।
आज भी डॉ आहूजा व डॉ विश्वास के घनिष्ठ मित्र जब उस मकबरे पर जाने के प्रकरण को याद करते हैं तो शरीर में एक रोमांच पैदा हो जाता है।


विवेक आहूजा
तिलक अस्पताल
बिलारी, जिला मुरादाबाद
@9410416986
@7906933255
Vivekahuja288@gmail.com 

Thursday, 25 June 2020

Kid talk

In a classroom a teacher asked a kid(LKG) that 5 + 3 is what? The kid taken back a second and said "Don't know". You're so dump, its 8 don't you know these simple thing, said teacher. In response the kid, you bitch yesterday you only taught us 4 + 4 was 8. Now you're telling 5 + 3 is 8 🙄

Wednesday, 24 June 2020

Father age

😂😂😂
Just love these kids

Teacher:  How old is your father?
Kid:  He is 6 years.
Teacher:  What? How is this possible?
Kid:  He became father only when I was born.
Logic!!👌😳
😂😂😂
Children Are Quick and Always Speak Their Minds

Tuesday, 23 June 2020

BOY & GIRL

A boy asked a girl in a library, "Do you mind if I sit beside you"? The girl Answered with a loud angry voice; "I don't want to spend the night with you!! All the people in the library started staring at the boy and he was embarrassed. After minutes the girl walked quietly to the guy's table and said to him I study psychology and I know what man is thinking, I guess you felt embarrassed,right? The guy responded with a loud voice :$300 for one night That's too much!! and all the people in the library looked at the girl in shock and the guy whispered in her ears, "I study law and I know how to make someone guilty.😂😝😂👌..

Copied 

कृपया पोस्ट को शेयर करे ............धन्यवाद