"वैक्सीन बनाना ही नहीं ,लगाना भी चुनौतीपूर्ण"
भारतवर्ष में 16 जनवरी 2021 को कोरोना की वैक्सीन लॉन्च हो रही है , सरकार द्वारा स्वदेशी कंपनियों की वैक्सीन को ही प्राथमिकता दी गई है । दो कंपनियों की वैक्सीन लांच की गई है और चार कंपनियां लाइन में है । प्रथम चरण में करीब 30 करोड़ लोगों को टीकाकरण होना है जो कि स्वास्थ्य विभाग के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होगा इस टीकाकरण में करीब 26 करोड़ 50 वर्ष से अधिक आयु के लोग , एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मी ,2 करोड़ सफाई कर्मी एवं एक करोड़ कोरोना योद्धा व पुलिस आदि शामिल है, को स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीका लगाया जाना है । कोरोना की आपदा की शुरुआत में जहां भारत में N95 मास्क की भी किल्लत थी, आज भारतवर्ष में स्वदेशी कंपनी की वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है । यही नहीं स्वदेशी कंपनियों को विदेशों से भी अपार आर्डर मिल रहा है , जो कि भारत के विश्व गुरु बनने का संकेत दे रहे हैं । वहीं चीन जैसे देश की वैक्सीन को दुनिया ने नकार दिया है , यही नहीं चीन के मित्र देशों ने भी उससे वैक्सीन लेने में कोई रुचि नहीं दिखाई है ।
अब सवाल यह है कि भारत जैसे विशाल देश में जिसकी आबादी 140 करोड़ के करीब है मैं इतना बड़ा टीकाकरण को स्वास्थ्य विभाग द्वारा किस प्रकार से अंजाम दिया जाता है ।आबादी अधिक होने के कारण बच्चों के अलग-अलग प्रकार के टीकाकरण , वृद्धजनों की अन्य बीमारियां जैसे हृदय रोग शुगर लीवर की समस्या आदि के इलाज को प्रभावित किए बिना , इतने बड़े टीकाकरण को अंजाम देना स्वास्थ्य विभाग के लिए एक कठिन चुनौती होगा । देखने वाली बात यह होगी कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस टीकाकरण को अंजाम देने के लिए प्राइवेट चिकित्सक , मेडिकल छात्र पैरामेडिकल स्टाफ आदि की मदद लेता है कि नहीं यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा । लेकिन हमारी शुभकामनाएं पूर्ण रूप से स्वास्थ्य विभाग के साथ हैं और हम सभी का कर्तव्य बनता है कि इस इस कठिन कार्य में स्वास्थ्य विभाग की, जिस स्तर पर भी मदद संभव हो हमें करनी चाहिए ।"शुभ टीकाकरण"
(स्वरचित)
विवेक आहूजा
बिलारी
जिला मुरादाबाद