Saturday, 20 February 2021

वैक्सीन,vaccination, vaccine

 "वैक्सीन बनाना ही नहीं ,लगाना भी चुनौतीपूर्ण" 

भारतवर्ष में 16 जनवरी 2021 को कोरोना की वैक्सीन लॉन्च हो रही है , सरकार द्वारा स्वदेशी कंपनियों की वैक्सीन को ही प्राथमिकता दी गई है । दो कंपनियों की वैक्सीन लांच की गई है और चार कंपनियां लाइन में है । प्रथम चरण में करीब 30 करोड़ लोगों को टीकाकरण होना है जो कि स्वास्थ्य विभाग के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होगा इस टीकाकरण में करीब 26 करोड़ 50 वर्ष से अधिक आयु के लोग , एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मी ,2 करोड़ सफाई कर्मी एवं एक करोड़ कोरोना योद्धा व पुलिस आदि शामिल है, को स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीका लगाया जाना है । कोरोना की आपदा की शुरुआत में जहां भारत में N95 मास्क की भी किल्लत थी, आज भारतवर्ष में स्वदेशी कंपनी की वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है । यही नहीं स्वदेशी कंपनियों को विदेशों से भी अपार आर्डर मिल रहा है , जो कि भारत के विश्व गुरु बनने का संकेत दे रहे हैं । वहीं चीन जैसे देश की वैक्सीन को दुनिया ने नकार दिया है , यही नहीं चीन के मित्र देशों ने भी उससे वैक्सीन लेने में कोई रुचि नहीं दिखाई है ।
अब सवाल यह है कि भारत जैसे विशाल देश में जिसकी आबादी 140 करोड़ के करीब है मैं इतना बड़ा टीकाकरण को स्वास्थ्य विभाग द्वारा किस प्रकार से अंजाम दिया जाता है ।आबादी अधिक होने के कारण बच्चों के अलग-अलग प्रकार के टीकाकरण , वृद्धजनों की अन्य बीमारियां जैसे हृदय रोग शुगर लीवर की समस्या आदि के इलाज को प्रभावित किए बिना , इतने बड़े टीकाकरण को अंजाम देना स्वास्थ्य विभाग के लिए एक कठिन चुनौती होगा । देखने वाली बात यह होगी कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस टीकाकरण को अंजाम देने के लिए प्राइवेट चिकित्सक , मेडिकल छात्र पैरामेडिकल स्टाफ आदि की मदद लेता है कि नहीं यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा । लेकिन हमारी शुभकामनाएं पूर्ण रूप से स्वास्थ्य विभाग के साथ हैं और हम सभी का कर्तव्य बनता है कि इस इस कठिन कार्य में स्वास्थ्य विभाग की, जिस स्तर पर भी मदद संभव हो हमें करनी चाहिए ।
"शुभ टीकाकरण"

(स्वरचित)

विवेक आहूजा
बिलारी
जिला मुरादाबाद 

दुनिया

 दुनिया दारी निभाने के , लोगों के अंदाज जुदा जुदा है ।

मानो तो वही पत्थर है , मानो तो वही खुदा है ।।

जरूरी तो नहीं , हर गीत को गाया जाये ।
समझने वाले , दिल का तराना भी समझ लेते है ।।

(क्षमा सहित)

✍विवेक आहूजा

दिल शायरी, चाहत

 जब दिल ना मिले तो , मुंह पर ताला लगा लो 

जुबां के तीर चलाने से फायदा क्या है ।
मुमकिन है कि , कल दिल मिल भी जाए
बेफिजूल दरार बढ़ाने से फायदा क्या है ।।

✍विवेक आहूजा 

तिरंगा , भारत का ध्वज , तिरंगा झुकने ना देंगे


 तिरंगे का ये अपमान , नहीं सहेगा हिन्दुस्तान 

उपद्रवियों के हुडदंग से , जनता हो रही परेशान
नेताओ की चाल से , अन्नदाता अनजान
देश का मान रख न सका , वो कैसा किसान
26 जनवरी है , देश का गौरवशाली पर्व
दुख हैं इस बात का , नहीं तुम्हे इस पर गर्व


(स्वरचित)

विवेक आहूजा
बिलारी
जिला मुरादाबाद



सर्द हवाएँ

 "सर्द हवाएँ"


ए सर्द हवाओं , यूं ना सताओ
गरीब की मुश्किल , तुम ना बढ़ाओ

गरीब की जान पर , बन आती हो तुम
कुछ तो रहम करो , उसकी जान तुम बचाओ

किसी के लिए , शौक का परवाना हो तुम
आशियाना जिनका नहीं , उनके लिए कितना मुश्किल आना हो तुम

जरा धीरे चलो , थोड़ा रहम करो
बहुत हो चुका , अब चली भी जाओ
"सर्द हवाओं"

(स्वरचित)

विवेक आहूजा
बिलारी
जिला मुरादाबाद
@9410416986
Vivekahuja288@gmail.com

शौहरत शायरी, शौहरत अर्थ , शौहरत


"शौहरत"  ( मुक्तक )

इंसान पर जब कुछ नहीं होता है ,
वह सारे जहां में रोता है ।
मिल जाती जब "शौहरत" उसे ,
अपना वो आपा खोता है ।
कुदरत का निजाम समझ ओ बंदे ,
"शौहरत" तमाशा पल का होता है ।
गुरुर टिका नहीं किसी का इस जहां में ,
काटता फसल वही बीज जो वो बोता है ।।

(स्वरचित)

विवेक आहूजा
बिलारी
जिला मुरादाबाद
@9410416986

Poem प्राकृति , शायरी, प्रकृति कविता

 प्रकृति के क्रोध से , बच के रहना आप 

सोच समझकर कीजिए ,छोटा-छोटा पाप
धरती तक है कांप रही , देख प्रकृति का रूप
वन तो तुमने काट दिए , बिगाड़ दिया स्वरूप
महादेव के हाथ है , मझधार में अटकी नाव
हमको बस है चाहिए , उनकी कृपा और शीतल छाँव

✍विवेक आहूजा 

जिंदगी , जिदंगी क्या है, zindgi



जिंदगी जीने का नाम है ,

सुख और दुःख इसके इनाम है ,

गिरो, उठो और उठ कर बढो ,
यही इसका पैगाम है ,
दुखो पर जो जीत पा जाए ,
उसे सौ सौ सलाम है ।।

"जिंदगी जीने का नाम है"

✍विवेक आहूजा 

हिन्दुस्तान

 "हिन्दुस्तान" 


सारे जहाँ से झुक न सके , वो हिन्दुस्तान हमारा है
हमको अपनी जान से प्यारा , अपना ये भारत न्यारा है
कशमीर से कन्याकुमारी तक , इसका झन्डा लहराता है
देश का दुश्मन , यहाँ आने का सोच कर भी घबराता है
सारे विश्व में भारतवर्ष का , हरदम परचम लहराता है
हम सब है यहाँ भाई भाई , बच्चा बच्चा गाता है
जल सेना हो या थल सेना , भारत के रखवाले है
चारों दिशाओं के प्रहरी , वायुसेना के मतवाले हैं
जब जब दुश्मन ने , हमको ऑख दिखाई है
तब तब हमारे वीरों ने , उनको धूल चटाई है
"भारत माता की जय"

(स्वरचित)

विवेक आहूजा
बिलारी
जिला मुरादाबाद
@9410416986
Vivekahuja288@gmail.com 

Likhe jo khat

 "खत

मैंने उसे खत लिखा , यह सोच कर कि जवाब आएगा ।
मुझ बदनसीब के हिस्से में भी , शायद थोड़ा शबाब आएगा ।
उसने फाड़ कर फेंक दिया , मेरे खत को ।
सोचा ना था , नतीजा इतना खराब आएगा ।
अब हिम्मत नहीं , किसी को भी खत लिखने की मेरी ।
क्या पता जवाब , खराब या लाजवाब आएगा ।।
(स्वरचित)
विवेक आहूजा
बिलारी
जिला मुरादाबाद
@9410416986
Vivekahuja288@gmail.com 

कृपया पोस्ट को शेयर करे ............धन्यवाद